Aara Machine | Vishwanath Prasad Tiwari
आरा मशीन - विश्वनाथ-प्रसाद-तिवारी
चल रही है वह
चल रही है वह
इतने दर्प में
कि चिनगारियाँ छिटकती हैं उससे
कि चिनगारियाँ छिटकती हैं उससे
दौड़े आ रहे हैं
अगल-बगल के यूकिलिप्टस
और हिमाचल के देवदारु
उसके आतंक में खिंचे हुए
अगल-बगल के यूकिलिप्टस
और हिमाचल के देवदारु
उसके आतंक में खिंचे हुए
दूर-दूर अमराइयों में
पक्षियों का संगीत गायब हो गया है
गुठलियाँ बाँझ हो गई हैं
उसकी आवाज से
मेरा छोटा बच्चा देख रहा है उसे
कौतुक से
कि कैसे चलती है वह
कैसे अपने आप एक लकड़ी
दूसरी को ठेलकर आगे निकल जाती है
और अपना कलेजा निकालकर
संगमरमर की तरह चमकने लगती है
पक्षियों का संगीत गायब हो गया है
गुठलियाँ बाँझ हो गई हैं
उसकी आवाज से
मेरा छोटा बच्चा देख रहा है उसे
कौतुक से
कि कैसे चलती है वह
कैसे अपने आप एक लकड़ी
दूसरी को ठेलकर आगे निकल जाती है
और अपना कलेजा निकालकर
संगमरमर की तरह चमकने लगती है
मेरा बच्चा देख रहा है अचरज से
अपने समय का सबसे बड़ा चमत्कार
तेज नुकीले दाँत
घूमता हुआ पहिया और पट्टा
बच्चा किलकता है ताली बजाकर
मैं सिहर जाता हूँ
अभी वह मेरे सीने से गुजरेगी
मेरे भीतर से एक कुर्सी निकालेगी
राजा के बैठने के लिए
राजा बैठेगा सिंहासन पर
और वन-महोत्सव मनाएगा।
अपने समय का सबसे बड़ा चमत्कार
तेज नुकीले दाँत
घूमता हुआ पहिया और पट्टा
बच्चा किलकता है ताली बजाकर
मैं सिहर जाता हूँ
अभी वह मेरे सीने से गुजरेगी
मेरे भीतर से एक कुर्सी निकालेगी
राजा के बैठने के लिए
राजा बैठेगा सिंहासन पर
और वन-महोत्सव मनाएगा।