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Shuddhikaran | Hemant Deolekar

शुद्धिकरण | हेमंत देवलेकर इतनी बेरहमी से निकाले जा रहेछिलके पानी केकि ख़ून निकल आया पानी काउसकी आत्मा तक को छील डाला रंदे सेयह पानी को छानने का नहींउसे मारने का दृश्य ह...

Prem Aur Ghruna | Natasha

प्रेम और घृणा | नताशातुम भेजना प्रेमबार-बार भेजनाभले ही मैं वापस कर दूँलौटेगा प्रेम ही तुम्हारे पासपर मत भेजना कभी घृणाघृणा बंद कर देती है दरवाज़ेअँधेरे में क़ैद कर लेत...

Antardwand | Alain Bosquet | Translation - Dharamvir Bharti

अंतर्द्वंद | आलेन बास्केटअनुवाद : धर्मवीर भारतीमेरा बायाँ हाथ मुझे प्राणदंड देता हैमेरा दायाँ हाथ मेरी रक्षा करता हैमेरी आँखें मुझे निर्वासन देती हैंमेरी वाणी मुझे प्र...

Jahaz Ka Panchhi | Krishna Mohan Jha

जहाज़ का पंछी | कृष्णमोहन झाजैसे जहाज़ का पंछीअनंत से हारकरफिर लौट आता है जहाज़ परइस जीवन के विषन्न पठार पर भटकता हुआ मैंफिर तुम्हारे पास लौट आया हूँस्मृतियाँ भाग रही ...

Pyar Ke Bahut Chehre Hain | Navin Sagar

प्यार के बहुत चेहरे हैं / नवीन सागरमैं उसे प्यार करतायदि वहख़ुद वह होतीमैं अपना हृदय खोल देतायदि वहअपने भीतर खुल जातीमैं उसे छूतायदि वह देह होतीऔर मेरे हाथ होते मेरे भ...

Kai Aankhon Ki Hairat They Nahi Hain | Aks Samastipuri

कई आँखों की हैरत थे नहीं हैं | अक्स समस्तीपुरी कई आँखों की हैरत थे नहीं हैंनये मंज़र की सूरत थे नहीं हैंबिछड़ने पर तमाशा क्यों बनाएँतुम्हारी हम ज़रूरत थे नहीं हैं

Awara Ke Daag Chahiye | Devi Prasad Mishra

आवारा के दाग़ चाहिए | देवी प्रसाद मिश्रदो वक़्तों का कम से कम तो भात चाहिएगात चाहिए जो न काँपेसत्ता के सम्मुख जो कह दूँबात चाहिए कि छिप जाने को रात चाहिएपूरी उम्र लगें ...

Lagaav | Ramdarash Mishra

लगाव | रामदरश मिश्र उसने कविता में लिखा 'फूल'तुमने उसे काटकर 'कीचड़' लिख दियाउसने कविता में लिखा 'चिड़िया'तुमने उसे काटकर 'गुरिल्ला' लिख दियाऔर आपस में जूझने लगेदरअसल ...

Main Ud Jaunga | Rajesh Joshi

मैं उड़ जाऊँगा | राजेश जोशी सबको चकमा देकर एक रातमैं किसी स्वप्न की पीठ पर बैठकर उड़ जाऊँगाहैरत में डाल दूँगा सारी दुनिया कोसब पूछते बैठेंगेकैसे उड़ गया ?क्यों उड़ गया...

Dekho Socho Samjho | Bhagwati Charan Verma

देखो-सोचो-समझो | भगवतीचरण वर्मादेखो, सोचो, समझो, सुनो, गुनो औ' जानोइसको, उसको, सम्भव हो निज को पहचानोलेकिन अपना चेहरा जैसा है रहने दो,जीवन की धारा में अपने को बहने दोत...

Isiliye | Gagan Gill

इसीलिए | गगन गिलवह नहीं होगा कभी भी फाँसी पर झूलता हुआ आदमीवारदात की ख़बरें पढ़ते हुए सोचता था वह गर्दन के पीछे हो रही सुरसुरी को वह मुल्तवी करता रहता था तमाम ख़बरों के ब...

Ve Sab Meri Hi Jaati Se Thin | Rupam Mishra

वे सब मेरी ही जाति से थीं | रूपम मिश्र मुझे तुम ने समझाओ अपनी जाति को चीन्हना श्रीमानबात हमारी है हमें भी कहने दोये जो कूद-कूद कर अपनी सहुलियत से मर्दवाद का बहकाऊ नारा...

Smriti Pita | Viren Dangwal

स्मृति पिता | वीरेन डंगवालएक शून्य की परछाईं के भीतर घूमता है एक और शून्य पहिये की तरहमगर कहीं न जाता हुआ फिरकी के भीतर घूमतीएक और फिरकीशैशव के किसी मेले की

Ve Din Aur Ye Din | Ramdarash Mishra

वे दिन और ये दिन | रामदरश मिश्रतब वे दिन आते थेउड़ते हुएइत्र-भीगे अज्ञात प्रेम-पत्र की तरहऔर महमहाते हुए निकल जाते थेउनकी महमहाहट भीमेरे लिए एक उपलब्धि थी।अब ये दिन आत...

Walid Ki Wafaat Par | Nida Fazli

वालिद की वफ़ात पर | निदा फ़ाज़लीतुम्हारी क़ब्र परमैं फ़ातिहा पढ़ने नहीं आयामुझे मालूम थातुम मर नहीं सकतेतुम्हारी मौत की सच्ची ख़बर जिस ने उड़ाई थीवो झूटा थावो तुम कब थेक...

Devi Banne Ki Raah Mein | Priya Johri 'Muktipriya'

देवी बनने की राह में  | प्रिया जोहरी 'मुक्ति प्रिया'देवी बनने की राह मेंलंबा सफ़र तय किया हमनेकई भूमिकाऐँ बदलीआंसू की बूंदो का स्वाद चखाखून बहायाकटा चीरा ख़ुद कोअपमान ...

Main Sabse Choti Hun | Sumitranandan Pant

मैं सबसे छोटी हूँ | सुमित्रानंदन पन्तमैं सबसे छोटी होऊँ,तेरा अंचल पकड़-पकड़करफिरूँ सदा माँ! तेरे साथ,कभी न छोड़ूँ तेरा हाथ!बड़ा बनाकर पहले हमकोतू पीछे छलती है मात!हाथ ...

Aapki Yaad Aati Rahi Raat Bhar | Makdoom Mohiuddin

आप की याद आती रही रात भर | मख़दूम मुहिउद्दीनआप की याद आती रही रात भरचश्म-ए-नम मुस्कुराती रही रात भररात भर दर्द की शम्अ जलती रहीग़म की लौ थरथराती रही रात भरबाँसुरी की स...

Khidki Par Subah | TS Eliot | Translation - Dharmvir Bharti

खिड़की पर सुबह | टी. एस. एलियटअनुवाद : धर्मवीर भारतीनीचे के बावर्चीख़ाने में खड़क रही हैं नाश्ते की तश्तरियाँऔर सड़क के कुचले किनारों के बग़ल-बग़ल—मुझे जान पड़ता है—कि गृ...

Yahan Sab Theek Hai | Dheeraj

यहाँ सब ठीक है | धीरजशहर जाने वालों के पासहमेशा नहीं होते होंगेवापस लौटने के पैसेऐसे में वो ढूंढते होंगे कुछ, और उसी कुछ का सब कुछकि जैसे सब कुछ का चाय-पानीसब कुछ का न...

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