Acche Bacche | Naresh Saxena

अच्छे बच्चे | नरेश सक्सेना 

कुछ बच्चे बहुत अच्छे होते हैं 
वे गेंद और ग़ुब्बारे नहीं माँगते 
मिठाई नहीं माँगते ज़िद नहीं करते 
और मचलते तो हैं ही नहीं 

बड़ों का कहना मानते हैं 
वे छोटों का भी कहना मानते हैं 
इतने अच्छे होते हैं 

इतने अच्छे बच्चों की तलाश में रहते हैं हम 
और मिलते ही 
उन्हें ले आते हैं घर 
अक्सर 
तीस रुपए महीने और खाने पर। 


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