Des Me Nikla Hoga Chand | Rahi Masoom Raza
देश में निकला होगा चाँद - राही मासूम रज़ा
हिन्दी और उर्दू के लेखक, शायर और कथाकार रही मासूम रज़ा का जन्म 1 सितंबर 1927 को उत्तर प्रदेश के गाज़ीपुर में हुआ था। उन्होंने बी आर चोपड़ा के कालजई शो ‘महाभारत’ के लिए कथानक और संवाद लिखे थे।
हिन्दी और उर्दू के लेखक, शायर और कथाकार रही मासूम रज़ा का जन्म 1 सितंबर 1927 को उत्तर प्रदेश के गाज़ीपुर में हुआ था। उन्होंने बी आर चोपड़ा के कालजई शो ‘महाभारत’ के लिए कथानक और संवाद लिखे थे।
हम तो हैं परदेस में देस में निकला होगा चाँद
अपनी रात की छत पर कितना तन्हा होगा चाँद
जिन आँखों में काजल बन कर तैरी काली रात
उन आँखों में आँसू का इक क़तरा होगा चाँद
रात ने ऐसा पेँच लगाया टूटी हाथ से डोर
आँगन वाले नीम में जा कर अटका होगा चाँद
चाँद बिना हर दिन यूँ बीता जैसे युग बीते
मेरे बिना किस हाल में होगा कैसा होगा चाँद