Jugnu | Geet Chaturvedi

जुगनू | गीत चतुर्वेदी

साल में एक रात ऐसी आती है 
जब एक कविता किताब के पन्नों से निकलती है 
और जुगनू बनकर जंगल चली जाती है 
जब सूरज को एक लंबा ग्रहण लगेगा 
चाँद रूठकर कहीं चला जाएगा 
जंगल से लौटकर आएँगे ये सारे जुगनू 
और अँधेरे से डरने वालों को रोशनी देंगे 
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