Kyun Na | Gyanendrapati
क्यों न - ज्ञानेन्द्रपति
क्यों न कुछ निराला लिखें
क्यों न कुछ निराला लिखें
एक नई देवमाला लिखें
अँधेरे का राज चौतरफ
एक तीली उजाला लिखें
सच का मुँह चूम कर
झूठ का मुँह काला लिखें
कला भूल, कविता कराला लिखें
न आला लिखें, निराला लिखें
अमृत की जगह विष-प्याला लिखें
एक नई देवमाला लिखें
खल पोतें दुनिया पर एक ही रंग
हम बैनीआहपीनाला लिखें।
सारे इंद्रधनुष के रंगों में
सारे आयामों के बारे में लिखें।