Ma Ka Ashirwaad | Ajay Jugran

माँ का आशीर्वाद | अजेय जुगरान

दोनों छोर पर ऊपर - नीची
ढलान और घुमाव लिए
बीच में कुछ सीधी सपाट सड़क
और उस पर चलती मेरी माँ
देने को लिए अनेकों आशीर्वाद।

हर परिचित - अपरिचित
बच्चे के नमस्ते - प्रणाम पर
चाहे वो कितना ही सांकेतिक
पास या दूर से हो
“खुश रहो। जीते रहो।”
स्थिर होकर सही दिशा में बोलती
मानो निश्चित करना चाहती हो
कि नज़र मिला आँखों से
दिल में उतार दे अपना आशीर्वाद।

इसके चलते कालोनी के बच्चों ने
माँ का परिचय रखा वो आँटी जो देती हैं
“खुश रहो। जीते रहो।” का आशीर्वाद।

Nayi Dhara Radio