Main Kyun Likhta Hun | Bhavani Prasad Mishra
मैं क्यों लिखता हूँ / भवानीप्रसाद मिश्र
मैं कोई पचास-पचास बरसों से
कविताएँ लिखता आ रहा हूँ
अब कोई पूछे मुझसे
कि क्या मिलता है तुम्हें ऐसा
कविताएँ लिखने से
जैसे अभी दो मिनट पहले
जब मैं कविता लिखने नहीं बैठा था
तब काग़ज़ काग़ज़ था
मैं मैं था
और कलम कलम
मगर जब लिखने बैठा
तो तीन नहीं रहे हम
एक हो गए