Matrabhasha Ki Maut | Jacinta Kerketta

मातृभाषा की मौत - जसिंता केरकेट्टा

माँ के मुँह में ही 
मातृभाषा को क़ैद कर दिया गया 
और बच्चे 
उसकी रिहाई की माँग करते-करते 
बड़े हो गए। 
मातृभाषा ख़ुद नहीं मरी थी 
उसे मारा गया था 
पर, माँ यह कभी न जान सकी। 
रोटियों के सपने 
दिखाने वाली संभावनाओं के आगे 
अपने बच्चों के लिए उसने 
भींच लिए थे अपने दाँत 
और उन निवालों के सपनों के नीचे 
दब गई थी मातृभाषा। 
माँ को लगता है आज भी 
एक दुर्घटना थी 
मातृभाषा की मौत। 

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