Aanch | Vandana Mishra

आँच | वंदना मिश्रा

गर्मियों में तेज़ आँच देखकर माँ कहती थी :

'आग अपने मायके आई है'
और फिर चूल्हे की लकड़ियाँ

कम कर दी जाती थीं
मैं कहती थी :

'मायके में तो
उसे अच्छे से रहने दो माँ

कम क्यों कर रही हो?'
माँ कहती थी :

'ये लड़की
प्रश्न बहुत पूछती है।'

बाद में समझ आया
प्रश्न पूछने से मना करना

आग कम करने की तरफ़
बढ़ा पहला क़दम होता है।


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