Amramanjariyon Ki Gandh | Gyanendrapati

आम्र-मंजरियों की गंध | ज्ञानेन्द्रपति 

आम्र-मंजरियों की गंध
बसी रही मेरे घर में तुम्हारे जाने के बाद
पिछली बार
अबके तो
तुम्हारे जाने के बाद
आम्र-मंजरियों की गंध उठने लगी है मुझ से भीनी-भीनी 

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