Bahut dinon ke baad | Nagarjun

बहुत दिनों के बाद | नागार्जुन

बहुत दिनों के बाद 
अबकी मैंने जी भर देखी 
पकी-सुनहली फ़सलों की मुस्कान 
- बहुत दिनों के बाद 
बहुत दिनों के बाद 
अबकी मैं जी भर सुन पाया 
धान कूटती किशोरियों की कोकिलकंठी तान 
- बहुत दिनों के बाद 
बहुत दिनों के बाद 
अबकी मैंने जी भर सूँघे 
मौलसिरी के ढेर-ढेर-से ताज़े-टटके फूल 
- बहुत दिनों के बाद 
बहुत दिनों के बाद 
अबकी मैं जी भर छू पाया 
अपनी गँवई पगडंडी की चंदनवर्णी धूल 
- बहुत दिनों के बाद 
बहुत दिनों के बाद 
अबकी मैंने जी भर तालमखाना खाया 
गन्ने चूसे जी भर 
-बहुत दिनों के बाद 
बहुत दिनों के बाद 
अबकी मैंने जी भर भोगे 
गंध-रूप-रस-शब्द-स्पर्श सब साथ-साथ इस भू पर 
- बहुत दिनों के बाद 

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