Chidiya | Ramdarash Mishra

चिड़िया | रामदरश मिश्रा 

चिड़िया उड़ती हुई कहीं से आयी
बहुत देर तक इधर उधर भटकती हुई
अपना घोंसला खोजती रही
फिर थक कर एक जली हुई डाल पर बैठ गयी
और सोचने लगी-
आज जंगल में कोई आदमी आया था क्‍या?
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