घर | अज्ञेय

मेरा घर 
दो दरवाज़ों को जोड़ता 
एक घेरा है 
मेरा घर 
दो दरवाज़ों के बीच है 
उसमें 
किधर से भी झाँको 
तुम दरवाज़े से बाहर देख रहे होंगे 
तुम्हें पार का दृश्य दिख जाएगा 
घर नहीं दिखेगा। 

मैं ही मेरा घर हूँ।
मेरे घर में कोई नहीं रहता 
मैं भी क्या 
मेरे घर में रहता हूँ 
मेरे घर में 
जिधर से भी झाँको...

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