Jaane Kis Kiska Khayal Aaya Hai | Dushyant Kumar
जाने किस-किसका ख़्याल आया है | दुष्यंत कुमार
जाने किस—किसका ख़्याल आया है
इस समंदर में उबाल आया है
एक बच्चा था हवा का झोंका
साफ़ पानी को खंगाल आया है
एक ढेला तो वहीं अटका था
एक तू और उछाल आया है
कल तो निकला था बहुत सज-धज के
आज लौटा तो निढाल आया है
ये नज़र है कि कोई मौसम है
ये सबा है कि बवाल आया है
इस अँधेरे में दिया रखना था
तू उजाले में बाल आया है
हमने सोचा था जवाब आएगा
एक बेहूदा सवाल आया है