Jal | Ashok Vajpeyi
जल | अशोक वाजपेयी
जल
खोजता है
जल में
हरियाली का उद्गम
कुछ नीली स्मृतियाँ
और मटमैले चिद्म
जल
भागता है
जल की गली में
गाते हुए
लय का
विलय का उच्छल गान
जल देता है
जल को आवाज़,
जल सुनता है
जल की कथा,
जल उठाता है
अंजलि में
जल को,
जल करता है
जल में डूबकर
उबरने की प्रार्थना
जल में ही
थरथराती है
जल की कामना।