Janna Zaroori Hai | Indu Jain

जानना ज़रूरी है | इन्दु जैन

जब वक्त कम रह जाए
तो जानना ज़रूरी है कि
क्या ज़रूरी है

सिर्फ़ चाहिए के बदले चाहना
पहचानना कि कहां हैं हाथ में हाथ दिए दोनों
मुखामुख मुस्करा रहे हैं कहां

फ़िर इन्हें यों सराहना
जैसे बला की गर्मी में घूंट भरते
मुंह में आई बर्फ़ की डली।

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