Jis Ka Koi Intezaar Na Kar Raha Ho | Afzal Ahmed Sayyid
जिस का कोई इंतिज़ार न कर रहा हो - अफ़ज़ाल अहमद सय्यद
जिस का कोई इंतिज़ार न कर रहा हो
उसे नहीं जाना चाहिए
वापस
आख़िरी दरवाज़ा बंद होने से पहले
जिस का कोई इंतिज़ार न कर रहा हो
उसे नहीं फिरना चाहिए
बे-क़रार
एक ख़ूबसूरत राहदारी में
जब तक वो वीरान न हो जाए
जिस का कोई इंतिज़ार न कर रहा हो
उसे नहीं जुदा करना चाहिए
ख़ून-आलूद पाँव से
एक पूरा सफ़र
जिस का कोई इंतिज़ार न कर रहा हो
उसे नहीं मालूम करनी चाहिए
फूलों के एक दस्ते की क़ीमत
या दिन तारीख़ और वक़्त