Khalipan | Vinay Kumar Singh

ख़ालीपन | विनय कुमार सिंह

माँ अंदर से उदास है
सब कुछ वैसा ही नहीं है
जो बाहर से दिख रहा है
वैसे तो घर भरा हुआ है
सब हंस रहे हैं
खाने की खुशबू आ रही है
शाम को फिल्म देखना है
पिताजी का नया कुर्ता
सबको अच्छा लग रहा है
लेकिन माँ उदास है.
बच्चा नौकरी करने जा रहा है
कई सालों से घर, घर था
अब नहीं रहेगा
अब माँ के मन के एक कोने में
हमेशा खालीपन रहेगा !

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