Pratham Milan | Adnan Kafeel Darwesh

प्रथम मिलन | अदनान कफ़ील दरवेश 

एक दिन भाषा की चमकीली चप्पल उतार कर
 आऊँगा तुम से मिलने 
अपने प्रथम मिलन में मैं अधिक बोलने से परहेज़ करूँगा 
और अपनी आत्मा का हर बोझ उतार कर तुमसे मिलना चाहूँगा 
तुम्हारे मन के साँकल को हल्के-हल्के खटखटाउँगा 
तुम्हारी देह भाषा को पढ़ने के बजाए 
सुनना ज़्यादा पसंद करूँगा 
तुम भी वक़्त लेकर आना मुझसे मिलने  
एक सदी की गूँज हूँ 
मैं अपने एकांत में 
मुझे बूझने का भरपूर अवसर देना तुम 
मैं तुम से धीरे-धीरे मिलूँगा तुम्हारी हथेली से 
तुम्हारी आँखों तक का सफ़र तय करने में 
मैं एक सदी लगा देना चाहूँगा

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