Pura Parivaar Ek Kamre Mein | Laxmi Shankar Bajpai

पूरा परिवार एक कमरे में | लक्ष्मीशंकर वाजपेयी

पूरा परिवार, एक कमरे में
कितने संसार, एक कमरे में।

हो नहीं पाया बड़े सपनों का
छोटा आकार, एक कमरे में।

ज़िक्र दादा की उस हवेली का
सैंकड़ों बार, एक कमरे में।

शोरगुल, नींद, पढ़ाई, टी.वी.
रोज़ तकरार, एक कमरे में।

एक घर, हर किसी की आँखों में
सबका विस्तार, एक कमरे में।

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