Sankat | Madan Kashyap

संकट | मदन कश्यप
 
अक्सर ताला उसकी ज़ुबान पर लगा होता है 
जो बहुत ज़्यादा सोचता है
जो बहुत बोलता है 
उसके दिमाग पर ताला लगा होता है
संकट तब बढ़ जाता है
जब चुप्पा आदमी इतना चुप हो जाए 
कि सोचना छोड़ दे 
और बोलने वाला ऐसा शोर मचाये 
कि उसकी भाषा से विचार ही नहीं, 
शब्द भी गुम हो जाएँ!

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