Smriti Pita | Viren Dangwal

स्मृति पिता | वीरेन डंगवाल

एक शून्य की परछाईं के भीतर 
घूमता है एक और शून्य 
पहिये की तरह
मगर कहीं न जाता हुआ 

फिरकी के भीतर घूमती
एक और फिरकी
शैशव के किसी मेले की

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