Tamasha | Madan Kashyap
तमाशा | मदन कश्यप
सर्कस में शेर से लड़ने की तुलना में बहुत अधिक ताकत और हिम्मत
की ज़रूरत होती है जंगल में शेर से लड़ने के लिए
की ज़रूरत होती है जंगल में शेर से लड़ने के लिए
जो जिंदगी की पगडंडियों पर इतना भी नहीं चल सका
कि सुकून से चार रोटियाँ खा सके वह बड़ी आसानी से आधी रोटी के लिए
रस्सी पर चल लेता है। तमाशा हमेशा ही सहज होता है क्योंकि इसमें
रस्सी पर चल लेता है। तमाशा हमेशा ही सहज होता है क्योंकि इसमें
बनी-बनायी सरल प्रक्रिया में चीजें लगभग पूर्व निर्धारित गति से
चल कर पहले से सोचे-समझे अंत तक पहुँचती हैं
कैसा होता है वह देश
जिसका शासक बड़े से बड़े मसले को तमाशे में बदल देता है।
और जनता को तमाशबीन बनने पर मजबूर कर देता है।
और जनता को तमाशबीन बनने पर मजबूर कर देता है।