Tum | Adnan Kafeel Darwesh
तुम | अदनान कफ़ील दरवेश
जब जुगनुओं से भर जाती थी
दुआरे रखी खाट
और अम्मा की सबसे लंबी कहानी भी
ख़त्म हो जाती थी
उस वक़्त मैं आकाश की तरफ़ देखता
और मुझे वह
ठीक जुगनुओं से भरी खाट लगता
कितना सुंदर था बचपन
जो झाड़ियों में चू कर
खो गया
मैं धीरे-धीरे बड़ा हुआ
और जवान भी
और तुम मुझे ऐसे मिले
जैसे बचपन की खोई गेंद
मैंने तुम्हें ध्यान से देखा
मुझे अम्मा की याद आई
और लंबी कहानियों की
और जुगनुओं से भरी खाट की
और मेरे पिछले सात जन्मों की
मैंने तुम्हें ध्यान से देखा
और संसार आईने-सा झिलमिलाया किया
उस दिन मुझे महसूस हुआ
तुमसे सुंदर
दरअसल इस धरती पर
कुछ भी नहीं था।