Uska Chehra | Rajesh Joshi

उसका चेहरा | राजेश जोशी

अचानक गुल हो गयी बत्ती
घुप्प अँधेरा हो गया चारों तरफ
उसने टटोल कर ढूँढी दियासलाई
और एक मोमबत्ती जलाई
आधे अँधेरे और आधे उजाले के बीच
उभरा उसका चेहरा
न जाने कितने दिनों बाद देखा मैंने
इस तरह उसका चेहरा
जैसे किसी और ग्रह से देखा मैंने
पृथ्वी को !

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