Vah Ma Hai | Damodar Khadse
वह माँ है | दामोदर खड़से
दुःख जोड़ता है
माँ के अहसासों में...
माँ की अँगुलियों में
होती है दवाइयों की फैक्ट्री!
माँ की आँखों में होती हैं
अग्निशामक दल की दमकलें
माँ के सान्निध्य में
होती है झील
हर प्यास के लिए।
स्वर्ग की कल्पना है माँ,
माँ स्वर्ग होती है...
समय की बेवफाई
दुनिया के खिंचाव
आकाश की ढलान
सपनों के खौफ
यात्राओं की भूख
और सूरज के होते हुए
अँधेरे के डर को
काटता है कोई–
वह माँ है।