Vasantsena | Shrikant Verma

वसंतसेना |  श्रीकांत वर्मा

सीढ़ियाँ चढ़ रही है
वसंतसेना

अभी तुम न समझोगी
वसंतसेना
अभी तुम युवा हो

सीढ़ियाँ समाप्त नहीं
होती
उन्नति की हों
अथवा
अवनति की

आगमन की हों
या
प्रस्थान की
अथवा
अवसान की
अथवा
अभिमान की

अभी तुम न
समझोगी
वसंतसेना

न सीढ़ियाँ
चढ़ना
आसान है
सीढ़ियाँ
उतरना
जिन सीढ़ियों पर
चढ़ते हैं, हम,
उन्हीं सीढ़ियों से
उतरते हैं, हम

निर्लिप्त हैं सीढ़ियाँ,

कौन चढ़ रहा है
कौन उतर रहा है
चढ़ता उतर रहा
या
उतरता चढ़ रहा है
कितनी चढ़ चुके
कितनी उतरना है
सीढ़ियाँ न गिनती हैं
न सुनती हैं
वसंतसेना।


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