Yahan Sab Theek Hai | Dheeraj

यहाँ सब ठीक है | धीरज

शहर जाने वालों के पास
हमेशा नहीं होते होंगे
वापस लौटने के पैसे
ऐसे में वो ढूंढते होंगे कुछ, और उसी कुछ का सब कुछ
कि जैसे सब कुछ का चाय-पानी
सब कुछ का नून- तेल
सब कुछ का दाल-चावल
और ऐसे में,
और जब कोई नया आता होगा शहर
तो उससे पूछते होंगे बरसात
मेला, कजरी चैत
करते होंगे ढेरों फ़ोन पर बात
और दोहराते होंगे बस यह बात
कि यहाँ सब ठीक है
आशा करता हूँ, वहाँ भी।

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