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Jo Mere Ghar Kabhi Nahi Ayenge | Vinod Kumar Shukla

जो मेरे घर कभी नहीं आएँगे | विनोद कुमार शुक्ल जो मेरे घर कभी नहीं आएँगे मैं उनसे मिलने उनके पास चला जाऊँगा। एक उफनती नदी कभी नहीं आएगी मेरे घर नदी जैसे लोगों से मिलने ...

Baarish Ke Kandhe Par Sar rakhta Hun

बारिश के काँधे पर सिर रखता हूँ | शहंशाह आलमपीड़ा में पेड़ जब दुःख बतियाते हैं दूसरे पेड़ सेमैं बारिश के काँधे पर सिर रखता हूँ अपनाआदमी बमुश्किल दूसरे का दुःख सुनना पसं...

Ek Ma Ki Bebasi | Kunwar Narayan

एक माँ की बेबसी | कुँवर नारायण न जाने किस अदृश्य पड़ोस से निकल कर आता था वह खेलने हमारे साथ— रतन, जो बोल नहीं सकता था खेलता था हमारे साथ एक टूटे खिलौने की तरह देखने मे...

Ek Ashwasti - Halki Phulki | Prem Vats

एक आश्वस्ति - हल्की फुलकी | प्रेम वत्स एक हल्का घुला हुआ गुलाबीपनपंखुरियों की भाँति चिपक-सा जाता हैउसके हल्के रोंयेदार गालों के दोनों उट्ठलों सेजो हल्का-सा भी अप्रत्या...

Amma Bachpan Ko Laut Rahi Hai | Ajay Jugran

अम्मा बचपन को लौट रही है | अजेय जुगरान उठने को सहारा चाहेअम्मा बचपन को लौट रही है।चलने को सहारा चाहेअम्मा छुटपन को लौट रही है।बैठने को सहारा चाहेअम्मा शिशुपन को लौट रह...

Bhookhdaan | Mehboob

भूखदान | महबूब  शांत अंधेरे सन्नाटे के बीच चीखती गुजरती एक आवाज़ लोहे के लोहे से टकराने कीया उस भूखे पेट के गुर्राने की जो लेटा है उसी लोहे के सड़क किनारे किसी भिनभिनात...

Ye Kaisi Vivashta Hai? | Kunwar Narayan

यह कैसी विवशता है? | कुँवर नारायणयह कैसी विवशता है— किसी पर वार करो वह हँसता रहता या विवाद करता।यह कैसी पराजय है— कहीं घाव करें रक्त नहीं केवल मवाद बहता। अजीब वक़्त है...

Kya Aapko Prem Pasand Hai | Shraddha Upadhyay

क्या आपको प्रेम पसंद है ? | श्रद्धा उपाध्याय मैं पहले भी खो गई थी एक खाई की गहराई के भय में मैं नहीं सुन पाई थी झरने का संगीतशोकगीत लिखने की व्यस्तता में सूरज से आँख न...

Ma | Mamta Kalia

माँ - ममता कालिया पुराने तख़्त पर यों बैठती हैंजैसे वह हो सिंहासन बत्तीसी।हम सबउनके सामने नीची चौकियों पर टिक जाते हैंया खड़े रहते हैं अक्सर।माँ का कमराउनका साम्राज्य ...

Nritya | Nidhi Sharma

नृत्य - निधि शर्मा मैं नाचती हूं, अपने दुखों के गीत पर।मैं मुस्कुराती हूं जब तुम मुझे छोड़ कर चले जाते हो।मेरे रोम रोम में बजता है विरह का संगीत।और उसमे रस घोलती है मे...

Thodi Si Umeed Chahiye | Gagan Gill

थोड़ी-सी उम्मीद चाहिए | गगन गिलजैसे मिट्टी में चमकतीकिरण सूर्य कीजैसे पानी में स्वाद भीगे पत्थर काजैसे भीगी हुई रेत परमछली में तड़पनथोड़ी-सी उम्मीद चाहिएजैसे गूँगे के ...

Sankraman | Satyam Tiwari

संक्रमण | सत्यम तिवारी रेखा के उस पार सब संदिग्ध थेइस तरह वह लंपट था और मुँहफटसूचियों से नदारदचौकसी से अंजानवह जिस देवता को फूल चढ़ाताउसकी कृपा चट्टानी पत्थरों के बरक्...

Khichdi | Anamika

खिचड़ी | अनामिकाइतने बरस बीते, इतने बरस ! सन्तोष है तो बस इतना कि मैंने ये बाल धूप में तो सफेद नहीं किए ! इन खिचड़ी बालों का वास्ता, देखा है संसार मैंने भी थोड़ा-सा ! द...

Loktantra Se Umeed | Mayank Aswal

लोकतंत्र से उम्मीद | मयंक असवालएक देश की संसद को कीचड़ के बीचों बीच होना चाहिए ताकि अपने हर अभिभाषण के बाद संसद से निकलते ही एक राजनेता को पुल बनाना याद रहे।एक लोकतांत...

Chup Ki Saazish | Amrita Pritam

चुप की साज़िश | अमृता प्रीतमरात ऊँघ रही है...किसी ने इनसान कीछाती में सेंध लगायी है हर चोरी से भयानक यह सपनों की चोरी है।चोरों के निशान -हर देश के हर शहर कीहर सड़क पर ...

Kavitayein | Naresh Saxena

कविताएं | नरेश सक्सेनाजैसे चिड़ियों की उड़ान में शामिल होते हैं पेड़ क्या कविताएँ होंगी मुसीबत में हमारे साथ?जैसे युद्ध में काम आए सैनिक की वर्दी और शस्त्रों के साथ खू...

Gayatri | Kushagra Adwait

गायत्री | कुशाग्र अद्वैततुमसे कभी मिला नहीं कभी बातचीत नहीं हुई कहने को कह सकते हैं तुम्हारे बारे में कुछ नहीं जानता ऐसा भी नहीं कि एकदम नहीं जानता ख़बर है कि इस नगर मे...

Hindi Si Ma | Ajay Jugran

हिंदी सी माँ | अजेय जुगरानजब पर्दे खोलने परठंड की नर्म धूपपलंग तक आ गईतो बड़ा भाईगेट पर अटका हिंदी अख़बारले आया माँ के लिए।तेज़ी से वर्तमान भूल रही माँअब रज़ाई के भीतर ...

Abki Agar Lauta To | Kunwar Narayan

अबकी अगर लौटा तो | कुँवर नारायणअबकी अगर लौटा तो बृहत्तर लौटूंगाचेहरे पर लगाए नोकदार मूँछे नहीं कमर में बाँधे लोहे की पूँछें नहीं जगह दूँगा साथ चल रहे लोगों कोतरेर कर न...

Haare Hue Budhhijeevi Ka Vaktavya

हारे हुए बुद्धिजीवी का वक्तव्य | सत्यम तिवारी हारे हुए बुद्धि जीवी का वक्तव्यमैं माफ़ी माँगता हूँजैसे हिम्मत माँगता हूँमेरे कंधे पर बेलगाम वितृष्णाएँमेरा चेहरा हारे हु...

Waapsi | Kedarnath Singh

वापसी | केदारनाथ सिंह आज उस पक्षी को फिर देखा जिसे पिछले साल देखा था लगभग इन्हीं दिनों इसी शहर मेंक्या नाम है उसका खंजन टिटिहिरी, नीलकंठ मुझे कुछ भी याद नहीं मैं कितनी...

Avikalp | Kinshuk Gupta

(अ)विकल्प | किंशुक गुप्तातुम्हारी महत्वकांक्षाओं से माँ चटक गई है मेरी रीढ़ की हड्डी जिस लहज़े से तुमने पिता सुनाया था फ़रमान कि रेप में लड़की की गलती ज़रूर होगीमैं समझ ग...

Nat | Rajesh Joshi

नट | राजेश जोशीदीमकें जगह-जगह से खा चुकी हैं तुम्हारे बाँसों को भूख खा चुकी है तुम्हारा सारा बदनक़दमों को साधकर चलते हो जिस रस्सी पर इस छोर से उस छोर टूट चुके हैं उसके...

Basant Aaya | Kedarnath Aggarwal

बसंत आया | केदारनाथ अग्रवाल बसंत आया : पलास के बूढ़े वृक्षों ने टेसू की लाल मौर सिर पर धर ली! विकराल वनखंडी लजवंती दुलहिन बन गई, फूलों के आभूषण पहन आकर्षक बन गई। अनंग ...

Titliyon Ki Bhasha | Mayank Aswal

तितलियों की भाषा | मयंक असवालयदि मुझे तितलियों कि भाषा आती मैं उनसे कहता तुम्हारी पीठ पर जाकर बैठ जाएंबिखेर दें अपने पंखों के रंग जहाँ जहाँ मेरे चुम्बन की स्मृतियाँ शे...

Log Kehte Hain | Mamta Kalia

लोग कहते है | ममता कालियालोग कहते हैंमैं अपना ग़ुस्सा कम करूँसमझदार औरतों की तरह सहूँ और चुप रहूँ।ग़ुस्सा कैसे कम किया जाता है?क्या यह चाट के ऊपर पड़ने वाला मसाला हैयारे...

Ghor Andhkaar Hai | Dr Sheoraj Singh 'Bechain'

घोर अंधकार है | डॉ. श्यौराज सिंह 'बेचैन' घोर अन्धकार हैबड़ी उदास रात है न मेल है न प्यार है। जलाओ दीप साथियो कि घोर अन्धकार है। सिसक रहा है चाँद अब तड़प रही है चाँदनी।...

Ye Chetavni Hai | Vinod Kumar Shukla

ये चेतावनी है | विनोद कुमार शुक्ल यह चेतावनी हैकि एक छोटा बच्चा हैयह चेतावनी है कि चार फूल खिले हैंयह चेतावनी है कि खुशी है और घड़े में भरा हुआ पानी पीने के लायक है, ह...

Kitna Lamba Hoga Jharna | Gulzar

कितना लंबा होगा झरना | गुलज़ारकितना लंबा होगा झरना सारा दिन कोहसार पकड़ के नीचे उतरता रहता है फिर भी ख़त्म नहीं होता...!सारा दिन ही बादलों में, ये वादी चलती रहती है न रु...

Bada Beta | Kinshuk Gupta

बड़ा बेटा | किंशुक गुप्तापिता हृदयाघात से ऐसे गएजैसे साबुन की घिसी हुई टिकियाहाथ से छिटक कर गिर जाती है नाली मेंया पत्थर लगने से अचानक चली जाती हैमोबाइल की रोशनीअचानक ...

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