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Mareez Ka Naam | Usman Khan

मरीज़ का नाम- उस्मान ख़ानचाहता हूँकिसी शाम तुम्हें गले लगाकर ख़ूब रोनालेकिन मेरे सपनों में भी वो दिन नहीं ढलताजिसके आख़री सिरे पर तुमसे गले मिलने की शाम रखी हैसुनता हूँ...

Banaya Hai Maine Ye Ghar | Ramdarash Mishra

बनाया है मैंने ये घर | रामदरश मिश्रबनाया है मैंने ये घर धीरे-धीरेखुले मेरे ख़्वाबों के पर धीरे-धीरेकिसी को गिराया न ख़ुद को उछालाकटा ज़िन्दगी का सफर धीरे-धीरेजहाँ आप पहु...

Apne Aap Se | Zaahid Dar

अपने आप से | ज़ाहिद डारमैं ने लोगों से भला क्या सीखायही अल्फ़ाज़ में झूटी सच्चीबात से बात मिलाना दिल कीबे-यक़ीनी को छुपाना सर कोहर ग़बी कुंद-ज़ेहन शख़्स की ख़िदमत में ...

Mera Ghar, Uska Ghar | Aagney

मेरा घर, उसका घर / आग्नेयएक चिड़ियाप्रतिदिन मेरे घर आती हैजानता नहीं हूँ उसका नामसिर्फ़ पहचानता हूँ उसकोवह चहचहाती है देर तकढूँढती है दाने :और फिर उड़ जाती हैअपने घर क...

Rachna Ki Adhi Raat | Kedarnath Singh

रचना की आधी रात | केदारनाथ सिंहअन्धकार! अन्धकार! अन्धकारआती हैकानों मेंफिर भी कुछ आवाज़ेंदूर बहुत दूरकहींआहत सन्नाटे मेंरह- रहकरईटों परईटों के रखने कीफलों के पकने कीख़...

Dharti Ki Behnein | Anupam Singh

धरती की बहनें | अनुपम सिंहमैं बालों में फूल खोंसधरती की बहन बनी फिरती हूँमैंने एक गेंद अपने छोटे भाईआसमान की तरफ़ उछाल दी है।हम तीनों की माँ नदी हैबाप का पता नहींमेरा ...

Pehli Pension | Anamika

पहली पेंशन /अनामिकाश्रीमती कार्लेकरअपनी पहली पेंशन लेकरजब घर लौटीं–सारी निलम्बित इच्छाएँअपना दावा पेश करने लगीं।जहाँ जो भी टोकरी उठाईउसके नीचे छोटी चुहियों-सीदबी-पड़ी ...

Is Tarah Rehna Chahunga | Shahanshah Alam

इस तरह रहना चाहूँगा | शहंशाह आलम इस तरह रहना चाहूँगा भाषा मेंजिस तरह शहद मुँह में रहता हैरहूँगा किताब में मोरपंख की तरहरहूँगा पेड़ में पानी में धूप में धान मेंहालत ख़र...

Ye Log | Naresh Saxena

ये लोग | नरेश सक्सेना तूफान आया थाकुछ पेड़ों के पत्ते टूट गए हैंकुछ की डालेंऔर कुछ तो जड़ से ही उखड़ गए हैंइनमें से सिर्फ़कुछ ही भाग्यशाली ऐसे बचेजिनका यह तूफान कुछ भी ...

Kya Bhoolun Kya Yaad Karun Main | Harivansh Rai Bachchan

क्या भूलूं क्या याद करूं मैं | हरिवंश राय बच्चनअगणित उन्मादों के क्षण हैं,अगणित अवसादों के क्षण हैं,रजनी की सूनी की घड़ियों को किन-किन से आबाद करूं मैं!क्या भूलूं, क्य...

Manch Se | Vaibhav Sharma

मंच से | वैभव शर्मामंच के एक कोने से शोर उठता है और रोशनी भीसामने बैठी जनता डर से भर जाती है।मंच से बताया जाता है शांती के पहले जरूरी है क्रांतितो सामने बैठी जनता जोश ...

Bacchu Babu | Kailash Gautam

बच्चू बाबू  |  कैलाश गौतमबच्चू बाबू एम.ए. करके सात साल झख मारेखेत बेंचकर पढ़े पढ़ाई, उल्लू बने बिचारेकितनी अर्ज़ी दिए न जाने, कितना फूँके तापेकितनी धूल न जाने फाँके, क...

Maut Ke Farishtey | Abdul Bismillah

मौत के फ़रिश्ते | अब्दुल बिस्मिल्लाहअपने एक हाथ में अंगाराऔर दूसरे हाथ में ज़हर का गिलास लेकरजिस रोज़ मैंनेअपनी ज़िंदगी के साथपहली बार मज़ाक़ किया थाउस रोज़ मैंदुनिया ...

Torch | Manglesh Dabral

टॉर्च | मंगलेश डबराल मेरे बचपन के दिनों मेंएक बार मेरे पिता एक सुन्दर-सी टॉर्च लाएजिसके शीशे में खाँचे बने हुए थेजैसे आजकल कारों की हेडलाइट में होते हैं।हमारे इलाके  म...

Suitcase : New York Se Ghar Tak | Vishwanath Prasad Tiwari

सूटकेस : न्यूयर्क से घर तक | विश्वनाथ प्रसाद तिवारी "इस अनजान देश मेंअकेले छोड़ रहे मुझे"मेरे सूटकेस ने बेबस निगाहों से देखाजैसे परकटा पक्षीदेखता हो गरुड़ कोउसकी भरी आ...

Aangan Gayab Ho Gaya | Kailash Gautam

आँगन गायब हो गया | कैलाश गौतमघर फूटे गलियारे निकले आँगन गायब हो गयाशासन और प्रशासन में अनुशासन ग़ायब हो गया ।त्यौहारों का गला दबायाबदसूरत महँगाई नेआँख मिचोली हँसी ठिठो...

Nahin Nigaah Mein | Faiz Ahmed Faiz

नहीं निगाह में | फ़ैज़ अहमद फ़ैज़नहीं निगाह में मंज़िल तो जुस्तुजू ही सहीनहीं विसाल मयस्सर तो आरज़ू ही सहीन तन में ख़ून फ़राहम न अश्क आँखों मेंनमाज़-ए-शौक़ तो वाजिब है...

Talash Mein Wahan | Nandkishore Acharya

तलाश में वहाँ | नंदकिशोर आचार्य जाते हैं तलाश मेंवहाँजड़ों की जो अक्सरखुद जड़ हो जाते हैंइतिहास मक़बरा हैपूजा जा सकता है जिसकोजिसमें पर जिया नहीं जाताजीवन इतिहास बनाता...

Gaman | Aagney

गमन | आग्नेयफूल के बोझ सेटूटती नहीं है टहनीफूल ही अलग कर दिया जाता हैटहनी सेउसी तरह टूटता है संसारटूटता जाता है संसार--मेरा और तुम्हाराचमत्कार है या अत्याचार हैइस टूटत...

Hatyare Kuch Nahi Bigaad Sakte | Chandrakant Devtale

हत्यारे कुछ नहीं बिगाड़ सकते/ चंद्रकांत देवतालेनाम मेरे लिएपेड़ से एक टूटा पत्ताहवा उसकी परवाह करेमेरे भीतर गड़ी दूसरी ही चीज़ेंपृथ्वी की गंध औरपुरखों की अस्थियाँ उनकी ...

Labour Chowk | Shivam Chaubey

लेबर चौक | शिवम चौबेकठरे  में सूरज ढोकर लाते हुएगमछे में कन्नी, खुरपी, छेनी, हथौड़ी बाँधे हुएरूखे-कटे हाथों से समय को धरकेलते हुएपुलिस चौकी और लाल चौक के ठीक बीचजहाँ र...

Kathariyan | Ekta Verma

कथरियाँ | एकता वर्मा कथरियाँगृहस्थियों के उत्सव-गीत होती हैं।जेठ-वैसाख के सूखे हल्के दिनों मेंसालों से संजोये गए चीथड़ों को क़रीने से सजाकरऔरतें बुनती हैं उनकी रंग-बिर...

Rishta | Anamika

रिश्ता | अनामिकावह बिल्कुल अनजान थी!मेरा उससे रिश्ता बस इतना थाकि हम एक पंसारी के गाहक थेनए मुहल्ले में!वह मेरे पहले से बैठी थी-टॉफी के मर्तबान से टिककरस्टूल के राजसिं...

Kaise Bachaunga Apna Prem | Alok Azad

कैसे बचाऊँगा अपना प्रेम | आलोक आज़ाद स्टील का दरवाजागोलियों से छलनी हआ कराहता हैऔर ठीक सामने,तुम चांदनी में नहाए, आँखों में आंसू लिए देखती होहर रात एक अलविदा कहती है।हर...

Kankreela Maidan | Kedarnath Aggarwal

कंकरीला मैदान | केदारनाथ अग्रवाल कंकरीला मैदानज्ञान की तरह जठर-जड़ लंबा-चौड़ा,गत वैभव की विकल याद में-बड़ी दूर तक चला गया है गुमसुम खोया!जहाँ-तहाँ कुछ- कुछ दूरी पर,उसक...

Tabdili | Akhtarul Iman

तब्दीली | अख़्तरुल ईमानइस भरे शहर में कोई ऐसा नहींजो मुझे राह चलते को पहचान लेऔर आवाज़ दे ओ बे ओ सर-फिरेदोनों इक दूसरे से लिपट कर वहींगिर्द-ओ-पेश और माहौल को भूल करगाल...

Meera Majumdar Ka Kehna Hai | Kumar Vikal

मीरा मजूमदार का कहना है | कुमार विकलसामने क्वार्टरों में जो एक बत्ती टिमटिमाती हैवह मेरा घर हैइस समय रात के बारह बज चुके हैंमैं मीरा मजूमदार के साथमार्क्सवाद पर एक शरा...

Ek Samay Tha | Raghuvir Sahay

एक समय था- रघुवीर सहायएक समय था मैं बताता था कितनानष्ट हो गया है अब मेरा पूरा समाजतब मुझे ज्ञात था कि लोग अभी व्यग्न हैंबनाने को फिर अपना परसों कल और आजआज पतन की दिशा ...

Desh Ho Tum | Arunabh Saurabh

देश हो तुम | अरुणाभ सौरभ में तुम्हारी कोख से नहींतुम्हारी देह के मैल सेउत्पन्न हुआ हूँभारतमाताविघ्नहरत्ता नहीं बना सकती माँ तुमपर इतनी शक्ति दो किभय-भूख सेमुत्ति का रा...

Hum Milte Hain Bina Mile Hi | Kedarnath Aggarwal

हम मिलते हैं बिना मिले ही  |  केदारनाथ अग्रवालहे मेरी तुम!हम मिलते हैंबिना मिले हीमिलने के एहसास मेंजैसे दुख के भीतरसुख की दबी याद में।हे मेरी तुम!हम जीते हैंबिना जिये...

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