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Jo Maar Kha Royi Nahin | Vishnu Khare

जो मार खा रोईं नहीं | विष्णु खरेतिलक मार्ग थाने के सामनेजो बिजली का एक बड़ा बक्स हैउसके पीछे नाली पर बनी झु्ग्गी का वाक़या है यहचालीस के क़रीब उम्र का बापसूखी सांवली ल...

Kalpvriksha | Damodar Khadse

कल्पवृक्ष | दामोदर खड़से कविताभीतर से होते हुए जब शब्दों में ढलती हैभीतरी ठिठुरनऊष्मा के स्पर्श सेप्राणवान हो उठती है ज्यों थकी हुई प्रतीक्षाबेबस प्यासदुत्कारी आशाअनाया...

Bhasha | Snehmayi Chaudhary

भाषा | स्नेहमयी चौधरीयह नहीं कि उसे कोई शिकायत नहीं, लेकिन अब वह अपने पक्ष में कोई तर्क न देगी, न चाहेगी— लगाए गए आरोपों का कोई निराकरण। यह नहीं कि उसके पास कहने को कु...

Pura Parivaar Ek Kamre Mein | Laxmi Shankar Bajpai

पूरा परिवार एक कमरे में | लक्ष्मीशंकर वाजपेयीपूरा परिवार, एक कमरे मेंकितने संसार, एक कमरे में।हो नहीं पाया बड़े सपनों काछोटा आकार, एक कमरे में।ज़िक्र दादा की उस हवेली ...

Main Buddh Nahi Banna Chahta | Shahanshah Alam

मैं बुद्ध नहीं बनना चाहता | शहंशा आलम मैं बुद्ध नहीं बनना चाहतातुम्हारे लिएबुद्ध की मुस्कराहटज़रूर बनना चाहता हूँबुद्ध मर जाते हैंजिस तरह पिता मर जाते हैंकिसी जुमेरात ...

Geet | Sheoraj Singh 'Bechain'

गीत | डॉ श्योराज सिंह 'बेचैन' मज़दूर-किसानों के अधर यूँ ही कहेंगे।हम एक थे, हम एक हैं, हम एक रहेंगे।।मज़हब, धर्म  के नाम पर लड़ना नहीं हमें।फिर्को में जातियों में बिखरना...

Suraj | Akanksha Pandey

सूरज |  आकांक्षा पांडेतुम, हां तुम्हींतुमसे कुछ बताना  चाहती हूँ।माना अनजान हूंदिखती नादान हूं कुछ ज्यादा कहने को नहीं हैकोई बड़ा फरमान नही हैबस इतना दोहराना हैजग में ...

Andhera Bhi Ek Darpan Hai | Anupam Singh

अँधेरा भी एक दर्पण है | अनुपम सिंह अँधेरा भी एक दर्पण है साफ़ दिखाई देती हैं सब छवियाँयहाँ काँटा तो गड़ता ही हैफूल भी भय देता हैकभी नहीं भूली अँधेरे में गही बाँहपृथ्वी...

Tahniyan | Jaiprakash Kardam

टहनियाँ | जयप्रकाश कर्दमकाटा जाता है जब भी कोई पेड़बेजान हो जाती हैं टहनियां बिना कटे हीपेड़ है क्योंकि टहनियां हैंटहनियां हैं क्योंकि पेड़ हैअर्थहीन हैं एक दूसरे के ब...

Ek Avishwasniya Sapna | Vishwanath Prasad Tiwari

एक अविश्वसनीय सपना - विश्वनाथ प्रसाद तिवारीएक दिन उसने सपना देखाबिना वीसा बिना पासपोर्टसारी दुनिया में घूम रहा है वहन कोई सरहद, न कोई चेकपोस्टसमुद्रों और पहाड़ों और नद...

Rok Sako To Roko | Poonam Shukla

रोक सको तो रोको | पूनम शुक्ला उछलेंगी ये लहरेंअपनी राह बना लेंगीये बल खाती सरिताएँअपनी इच्छाएँ पा लेंगीरोको चाहे जितना भीये झरने शोर मचाएँगेरोड़े कितने भी डालोकूद के य...

Ghar-Baar Chhorkar Sanyaas Nahin Lunga | Vinod Kumar Shukla

घर-बार छोड़कर संन्यास नहीं लूंगा |  विनोद कुमार शुक्लघर-बार छोड़कर संन्यास नहीं लूंगाअपने संन्यास मेंमैं और भी घरेलू रहूंगाघर में घरेलूऔर पड़ोस में भी।एक अनजान बस्ती म...

Agnipath | Harivansh Rai Bachchan

अग्निपथ | हरिवंश राय बच्चनवृक्ष हों भले खड़े,हों घने हों बड़े,एक पत्र छाँह भी,माँग मत, माँग मत, माँग मत,अग्निपथ अग्निपथ अग्निपथ।तू न थकेगा कभी,तू न रुकेगा कभी,तू न मुड...

Phagun Ka Geet | Kedarnath Singh

फ़ागुन का गीत |  केदारनाथ सिंहगीतों से भरे दिन फागुन के ये गाए जाने को जी करता!ये बाँधे नहीं बँधते, बाँहें रह जातीं खुली की खुली,ये तोले नहीं तुलते, इस परये आँखें तुली ...

Sach Hai Vipatti Jab Aati Hai | Ramdhari Singh 'Dinkar'

सच है, विपत्ति जब आती है | रामधारी सिंह दिनकर सच है, विपत्ति जब आती है,कायर को ही दहलाती है,सूरमा नहीं विचलित होते,क्षण एक नहीं धीरज खोते,विघ्नों को गले लगाते हैं,काँट...

Chithi Hai Kissi Dukhi Mann Ki | Kunwar Bechain

 चिट्ठी है किसी दुखी मन की |  कुँवर बेचैन बर्तन की यह उठका-पटकीयह बात-बात पर झल्लानाचिट्ठी है किसी दुखी मन की।यह थकी देह पर कर्मभारइसको खाँसी, उसको बुखारजितना वेतन, उत...

Need Ka Nirman | Harivansh Rai Bachchan

नीड़ का निर्माण | हरिवंश राइ बच्चन नीड़ का निर्माण फिर-फिर,नेह का आह्वान फिर-फिर!वह उठी आँधी कि नभ मेंछा गया सहसा अँधेरा,धूलि धूसर बादलों नेभूमि को इस भाँति घेरा,रात-स...

Gun Gaunga | Arun Kamal

 गुन गाऊँगा | अरुण कमलगुन गाऊँगाफाग के फगुआ के चैत के पहले दिन के गुन गाऊँगागुड़ के लाल पुओं और चाशनी में इतराते मालपुओं केगुन गाऊँगादही में तृप्त उड़द बड़ोंऔर भुने जी...

Sahil Aur Samandar | Sarwar

साहिल और समंदर | सरवर ऐ समंदरक्यों इतना शोर करते हो क्या कोई दर्द अंदर रखते हो यूं हर बार साहिल से तुम्हारा टकराना किसी के रोके जाने के खिलाफ तो नहीं पर मुझको तुम्हारी...

Furniture | Anamika

फ़र्नीचर | अनामिकामैं उनको रोज़ झाड़ती हूँपर वे ही हैं इस पूरे घर मेंजो मुझको कभी नहीं झाड़ते!रात को जब सब सो जाते हैं—अपने इन बरफाते पाँवों परआयोडिन मलती हुई सोचती हूँ ...

Dua | Manmeet Narang

दुआ | मनमीत नारंगकतरनें प्यार की जो फेंक दीं थी बेकार समझकर चल चुनें तुम और मैंहर टुकड़ा उस नेमत का और बुनें एक रज़ाई छुप जाएं सभी उसमें आज तुम मेरे सीने पे मैं उसके कंध...

Dahi Jamane Ko Thoda Sa Jaman Dena | Yash Malviya

दही जमाने को, थोड़ा-सा जामन देना | यश मालवीयमन अनमन है, पल भर को अपना मन देना दही जमाने को, थोड़ा-सा जामन देना सिर्फ़ तुम्हारे छू लेने से चाय, चाय हो जाती धूप छलकती दूध स...

Tamasha | Madan Kashyap

तमाशा | मदन कश्यप सर्कस में शेर से लड़ने की तुलना में बहुत अधिक ताकत और हिम्मत की ज़रूरत होती है जंगल में शेर से लड़ने के लिएजो जिंदगी की पगडंडियों पर इतना भी नहीं चल ...

Jadein | Rajendra Dhodapkar

जड़ें | राजेंद्र धोड़पकरहवा में बिल्कुल हवा में उगा पेड़ बिल्कुल हवा में, ज़मीन में नहीं बादलों पर झरते हैं उसके पत्ते लेकिन जड़ों को चाहिए एक आधार और वे किसी दोपहर सड...

Sanyog | Shahanshah Alam

संयोग | शहंशाह आलमयह संयोगवश नहीं हुआकि मैंने पुरानी साइकिल सेपुराने शहरों की यात्राएं कींख़ानाबदोश उम्मीदों से भरीइस यात्रा में संयोग यह थाकि तुम्हारा प्रेम साथ था मे...

Wahan Nahin Milungi Main | Renu Kashyap

वहाँ नहीं मिलूँगी मैं | रेणु कश्यपमैंने लिखा एक-एक करके हर अहसास को काग़ज़ पर और सँभालकर रखा उसे फिर दरअस्ल, छुपाकर मैंने खटखटाया एक दरवाज़ा और भाग गई फिर डर जितने डर उ...

Yadi Chune Hon Shabd | Nandkishore Acharya

यदि चुने हों शब्द | नंदकिशोर आचार्य जोड़-जोड़ करएक-एक ईंटज़रूरत के मुताबिकलोहा, पत्थर, लकड़ी भीरच-पच कर बनाया है इसे।गोखे-झरोखे सब हैंदरवाज़े भीकि आ-जा सकें वेजिन्हें ...

Dhoop | Roopa Singh

धूप | रूपा सिंहधूप!!धधकती, कौंधती, खिलखिलातीअंधेरों को चीरती, रौशन करती।मेरी उम्र भी एक धूप थीअपनी ठण्डी हड्डियों को सेंका करते थे जिसमें तुम!मेरी आत्मा अब भी एक धूपअप...

Chidiya | Ramdarash Mishra

चिड़िया | रामदरश मिश्रा चिड़िया उड़ती हुई कहीं से आयीबहुत देर तक इधर उधर भटकती हुईअपना घोंसला खोजती रहीफिर थक कर एक जली हुई डाल पर बैठ गयीऔर सोचने लगी-आज जंगल में कोई आ...

Uska Chehra | Rajesh Joshi

उसका चेहरा | राजेश जोशी अचानक गुल हो गयी बत्तीघुप्प अँधेरा हो गया चारों तरफउसने टटोल कर ढूँढी दियासलाईऔर एक मोमबत्ती जलाईआधे अँधेरे और आधे उजाले के बीचउभरा उसका चेहरान...

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